मुझे तुम्हारा प्यार पाना हैं...!
सज़ा कर तेरी मांग में सिन्दूर, तुम्हे अपना बनाना हैं... वादा सात जन्मों का मुझे, तुमसे निभाना हैं... इन होंठो की सुर्खियत को, अपने लबों से मुझे चुराना हैं... करना हैं प्यार मुझे तुमसे, और ये पाक रिश्ता बनाना हैं... तुम्हे बनाकर अर्धांगिनी मुझे, अपनी ज़िंदगी में लाना हैं... तुमसे बातें करनी हैं, कुछ शैतानियां निभाना हैं... देना हैं तड़प थोड़ी मोहब्बत की, कुछ सिसकियाँ इश्क़ की सुनाना हैं... बना कर तुम्हे अपनी दुल्हन, मुझे तुम्हारा प्यार पाना हैं... - Unknown